नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव के बीच दिल्ली में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। शीला दीक्षित सरकार में 15 साल मंत्री रहे राजकुमार चौहान (Rajkumar Chauhan) ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। राजकुमार चौहान उत्तर पश्चिम दिल्ली से टिकट के दावेदार थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। यहां से उदित राज को टिकट दिया गया है। वहीं बताया जा रहा है कि प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने बैठक में उनके साथ दुर्व्यवहार किया था, जिससे आहत होकर उन्होंने यह कदम उठाया।
इस्तीफे के बाद झलका Rajkumar Chauhan का दर्द
राजकुमार चौहान ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा, ''मेरे पिता और दादा और पूरा परिवार कांग्रेस से जुड़ा है। पहले आपके द्वारा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में एक बैठक बुलाई गई थी। कार्यालय से बैठक रद्द करने के बाद , दीपक बवेरिया के कार्यालय में 20-25 वरिष्ठ कांग्रेस नेता मौजूद थे, लेकिन जैसे ही मैंने बोलना शुरू किया, महासचिव ने मुझे बैठक से बाहर जाने के लिए कहा। तब मैंने बंद कमरे में यह बात कही हमारी पार्टी जहां हम अपनी भावनाएं व्यक्त कर सकते हैं।”
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"मैं चार बार विधायक और तीन बार मंत्री रहा हूं। मैंने हमेशा पार्टी के अनुशासन में रहकर काम किया है। यह संभव है कि मेरी भावनाएं आहत होने के कारण ऐसे शब्द निकले होंगे जिससे आपकी भावनाएं आहत हुई होंगी।" मैं खेद व्यक्त करता हूं।'' उन्होंने आगे कहा, ''मेरी मंशा कभी नहीं हो सकती कि मेरी वजह से कांग्रेस को नुकसान हो।
कांग्रेस पर गलाए गंभीर आरोप
यह चुनाव का समय है। जिस तरह से मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी पार्टी को मजबूत करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, मैं कभी सपने में भी नहीं सोच सकता कि पार्टी को किसी तरह का नुकसान होगा। मैं दलित समुदाय से हूं। आजादी से पहले हो या बाद, कांग्रेस हमेशा दलित समुदाय के लिए चट्टान की तरह खड़ी रही है। उन सभी बातों का सम्मान करते हुए आप जो भी निर्णय लेंगे, मैं उसे स्वीकार करूंगा।”