मुंबईः लोकसभा चुनाव में डीप फेक के बढ़ते मामलों को लेकर महाराष्ट्र सरकार एक्शन में आ गई है। वीडियो, क्लिप, फोटो या अन्य सामग्री की झूठी सामग्री बनाना और उसे सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया के माध्यम से प्रसारित करना प्रतिबंधित कर दिया गया है। इन अनुचित कार्यो पर अंकुश लगाने के लिए सरकार द्वारा संबंधितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिये गये हैं।
चुनाव के दौरान बढ़े मामले
फोटोशॉप, मशीन लर्निंग (एमएल) या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी विभिन्न तकनीकों का उपयोग करके डीप फेक वीडियो, क्लिप, फोटो या अन्य प्रकार की सामग्री बनाई जाती है। चुनाव के दौरान इस तकनीक का दुरुपयोग चिंता का विषय है। किसी भी उम्मीदवार, राजनीतिक दल या चुनावी मुद्दे के बारे में झूठे वीडियो, ऑडियो, तस्वीरें बनाना या वास्तविक तस्वीरों, ऑडियो, वीडियो में बदलाव करना और उन्हें गलत तरीके से प्रसारित करना। इस तरह, अनुचित तरीके से बनाए गए डीप फेक वीडियो, क्लिप या फोटो वास्तविक प्रतीत होते हैं और संबंधित लोगों की गलतफहमी या मानहानि का कारण बनते हैं। चुनाव के दौरान ऐसे मामले बढ़ रहे हैं।
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चुनाव आयोग ने भी दिए निर्देश
इस पर अंकुश लगाने और स्वच्छ एवं पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया के लिए सरकार ने निर्देश दिया है कि "डीप फेक" बनाने और प्रसारित करने जैसी असामाजिक गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। इस तरह की जानकारी सरकार ने दी है। इस संबंध में राज्य सरकार के माध्यम से पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिये गये हैं। इस संबंध में पुलिस विभाग के माध्यम से कार्रवाई की जायेगी। चुनाव आयोग ने भी अपनी गाइडलाइंस में गलत सूचनाओं पर लगाम लगाने के निर्देश दिए हैं।
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