गाजियाबाद: गाजियाबाद की क्राइम ब्रांच ने मोबाइल टावरों से उपकरण चोरी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ करने और एक इंजीनियर सहित 6 लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। इनके पास से 4 करोड़ रुपये का माल बरामद हुआ है। गिरोह गाजियाबाद, एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में मोबाइल टावरों से आरआरयू इकाइयों और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की चोरी करते थे। इन लोगों को नंदग्राम थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। उनके पास से रिसीवर यूनिट, मोबाइल टावर बैटरी व अन्य उपकरण बरामद किये गये।
टावर उपकरण चोरी करने के लिए ऐसे बना गैंग
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि आरोपी कैफ मलिक ने दो साल पहले बीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई छोड़ दी थी। उसने अपने पिता फुरकान मलिक के साथ दिल्ली के मुस्तफाबाद में एक कबाड़ी की दुकान पर काम करना शुरू किया। वहां उसकी मुलाकात शोएब से हुई, जिसने उससे मोबाइल टावर उपकरण बेचने को कहा।
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कैफ ने बाजार के बारे में पूछताछ की और जावेद से संपर्क किया। इसके बाद आरोपियों ने गैंग बनाकर वारदात को अंजाम देना शुरू कर दिया। गिरफ्तार किया गया दूसरा आरोपी सुमित कसाना से बीएस पास है। चार साल तक पुलिस भर्ती की तैयारी के बाद वह दिल्ली के एक क्लब में बाउंसर बन गया। क्लब में ही उसकी मुलाकात जावेद से हुई।
बीटेक पास है तीसरा आरोपी
वहीं, तीसरे आरोपी राहुल गोयल ने बीटेक (रुड़की) के बाद प्राइवेट नौकरी की। वर्तमान में वह सार टेली कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। यह कंपनी मोबाइल टावर मेंटेनेंस का काम करती है। कुछ समय तक उसने पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान के ऑपरेशन और मेंटेनेंस स्टाफ के साथ मिलकर आरआरयू चुराया और सुहैल, जुबैर, वसीम, कैफ को दे दिया।