उत्तराखंड

नैनीताल में जंगल की आग ने पर्यावरण में घोला जहर, स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने दी अहम सलाह

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नैनीताल: इन दिनों उत्तराखंड में जंगल जलने से फैले धुएं से प्रदूषण बढ़ने लगा है। उत्तराखंड के कुछ इलाकों में धुंध और धुएं से जनजीवन बेहाल है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। साथ ही जंगल के धुएं के कारण दृश्यता भी कम होने लगी है।

आसमान में छाया कोहरा 

सरोवर नगरी नैनीताल में शुक्रवार को धुंध का असर देखने को मिला। वायु प्रदूषण ने नैनीताल में रहने वाले लोगों की टेंशन बढ़ा दी है। आसमान में कोहरा छाया हुआ है। दृश्यता कम हो गई है। इस जहरीले धुएं से अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। 

जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक एवं स्वास्थ्य विशेषज्ञ बीडी पांडे, डॉ. दुग्ताल ने बताया कि वायु प्रदूषण से बच्चों और बुजुर्गों में अस्थमा और फेफड़ों की समस्या बढ़ सकती है। ब्रोंकाइटिस संक्रमण की संख्या बढ़ सकती है।

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नैनीताल से हल्द्वानी तक स्मॉग

उन्होंने कहा कि आज नैनीताल से लेकर हल्द्वानी तक हर जगह स्मॉग दिख रहा है, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। उन्होंने सलाह दी है कि क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी सांस की समस्याओं से पीड़ित लोगों को अपनी दवाएं नियमित रूप से लेनी चाहिए और जब तक बहुत जरूरी न हो, खुले में नहीं जाना चाहिए। अगर उन्हें जाना भी पड़े तो मास्क पहनकर ही निकलना चाहिए। उन्होंने लोगों को अपने घरों में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने की भी सलाह दी।

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