उत्तराखंड

जंगल की आग पर सीएम ने व्यक्त की चिंता, बैठक कर दिए सख्त निर्देश

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देहरादूनः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को उत्तराखंड सदन से राज्य में जंगल की आग, पेयजल समस्या, आगामी चारधाम यात्रा, बिजली आपूर्ति आदि महत्वपूर्ण मुद्दों पर राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों और सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। नई दिल्ली में बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

देनी होगी डेली रिपोर्ट

राज्य में जंगल की आग को लेकर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जंगल की आग हमारे सामने एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। उन्होंने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को इस मामले में ऊपर से नीचे तक के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिये। मुख्यालय स्तर पर तैनात सभी अधिकारियों के बीच मंडलों की जिम्मेदारियां बांट दी जाएं और सभी से नियमित रिपोर्ट ली जाए। जिलाधिकारी भी वनों की आग रोकने में वन विभाग का पूरा सहयोग करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फायर वॉचर्स फील्ड में काम करने वालों के लिए भी सुरक्षा उपाय किये जाएं। इसके लिए उनके लिए बीमा आदि विकल्पों पर विचार किया जाना चाहिए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि डीएफओ एवं उच्च स्तरीय अधिकारी मौके पर जाएं। ऑफिस में बैठकर आग पर काबू नहीं पाया जा सकता। इसके लिए जो भी सख्त कार्रवाई करनी पड़े, वह की जानी चाहिए।' जिलाधिकारियों को भी परिस्थितियों के अनुरूप निर्णय लेने के निर्देश दिये गये।

मुख्य सचिव रतूड़ी ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि एक सप्ताह के भीतर वनाग्नि के मामले में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। नवनियुक्त हॉफ ने मुख्यमंत्री को बताया कि अब तक वनाग्नि की घटनाओं में कुल 350 मुकदमे दर्ज किये गये हैं, जिनमें से 60 नामजद मुकदमे दर्ज किये गये हैं। जहां भी घटना की सूचना मिल रही है, वहां तुरंत टीमें भेजी जा रही हैं और एक से छह घंटे के भीतर आग पर काबू पा लिया जा रहा है।

मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि राज्य सरकार ने पिरूल के संबंध में एनटीपीसी के साथ एक समझौता किया है। एनटीपीसी ने भी राज्य से पिरूल लेना शुरू कर दिया है। ऐसे में यह भविष्य में आग से बचाव में भी कारगर साबित होगा।

चारधाम यात्रा पर दिए निर्देश

चारधाम यात्रा तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा हमारे लिए चुनौती भी है और परीक्षा की घड़ी भी। उन्होंने डीजीपी को निर्देश दिया कि मंदिर परिसर में तैनात सुरक्षाकर्मी श्रद्धालुओं के साथ अच्छा व्यवहार करें और उनकी मदद के लिए तुरंत आगे आएं। जो भी भक्त यहां से जाए वह अपने साथ एक अच्छा संदेश लेकर जाए। उन्होंने कहा कि यात्रा के शुरुआती 15 दिन चुनौतीपूर्ण होते हैं। इसके लिए आवश्यक निर्देश पहले ही जारी किये जा चुके हैं। इन 15 दिनों में वीआईपी का मूवमेंट कम से कम होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि चारधाम के बारे में हर जानकारी का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि तीर्थयात्रियों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि यात्रा मार्गों पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाय। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए रोटेशन में पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा शिकायतें हेली सेवा को लेकर आती हैं, इस पर और सख्ती बरतने की जरूरत है।

डीआइजी कानून व्यवस्था को यातायात प्रबंधन की जिम्मेदारी

डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि ट्रैफिक प्रबंधन के लिए भी डीआइजी लॉ एंड ऑर्डर को जिम्मेदारी दी गयी है। लक्ष्मण झूला, मुनि की रेती, शिवपुरी मार्ग पर जाम को देखते हुए देहरादून के एसपी देहात को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। एडिशनल एसपी कोटद्वार और सीओ नरेंद्रनगर उनका सहयोग करेंगे।राज्य के 317 गांव और 148 मोहल्ले चिन्हित किये गये हैं, जहां पेयजल की आपूर्ति की जायेगी।

 बैठक में पेयजल सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी ने कहा कि राज्य में कुल 317 गांव एवं शहरी क्षेत्र के 148 मोहल्ले चिन्हित किये गये हैं, जहां पेयजल की समस्या है। इन क्षेत्रों में विभिन्न विकल्पों के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। सभी जिलों में एक अप्रैल से 30 जून तक व्यावसायिक निर्माण के लिए कनेक्शन देने पर रोक लगाने के साथ ही सभी डीएम को वाहनों को वर्कशॉप में ड्राई वॉश कराने का निर्देश दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण भी एक चुनौती है। सभी सरकारी भवनों में वर्षा जल संचयन एवं सौर ऊर्जा की व्यवस्था की जाय। पेयजल के मामले में अभी चुनौतियाँ आनी बाकी हैं, इसलिए अभी से तैयारी पुख्ता कर लें। अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने बताया कि भारत सरकार 1 से 7 जून तक जल संरक्षण अभियान शुरू करने जा रही है। राज्य स्तर पर इसकी तैयारी चल रही है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 मई को चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले सभी सड़कें चकाचक कर दी जायं। लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज पांडे ने बताया कि अपर सचिव और अन्य अधिकारी नियमित रूप से फील्ड विजिट कर रहे हैं।

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