दिल्ली

रोहित वेमुला मामले में सभी आरोपियों को मिली क्लीन चिट, पढ़ें क्या था पूरा मामला

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नई दिल्ली: रोहित वेमुला की मौत तेलंगाना और देश की राजनीति में बड़ा मुद्दा बनी हुई है। अब पुलिस ने इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है। इसमें पुलिस ने कहा है कि रोहित काफी समय से मानसिक दबाव में था। उन्हें यह भी डर था कि उनके दलित नहीं होने की बात उजागर हो सकती है। पुलिस ने इस मामले में सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है, जिसमें बीजेपी नेता और एबीवीपी कार्यकर्ता भी शामिल हैं।

विपक्ष ने बीजेपी पर साधा निशाना

इसे लेकर विपक्ष बीजेपी पर निशाना साध रहा है और उसे दलित विरोधी बता रहा है। फिलहाल तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है। कांग्रेस लगातार इस मुद्दे को उठाती रही है। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रोहित वेमुला ने आत्महत्या की थी। आत्महत्या के पीछे कई कारण थे। वह पढ़ाई में बहुत पीछे थे और राजनीति में अधिक सक्रिय थे। उनकी मां ने उनके लिए दलित होने का फर्जी प्रमाणपत्र तैयार किया था। उसे डर था कि कहीं ये बात खुल न जाये।

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क्लोजर रिपोर्ट में क्या कहा गया?

पुलिस ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में सिकंदराबाद के तत्कालीन सांसद बंडारू दत्तात्रेय, विधान परिषद सदस्य एन रामचंदर राव और कुलपति अप्पा राव, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नेताओं और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी को बरी कर दिया है। रिपोर्ट में माना गया कि काफी कोशिशों के बावजूद यह साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं मिल सका कि मृतक को आरोपियों ने आत्महत्या के लिए प्रेरित किया था।

गौरतलब है कि 17 जनवरी 2016 को 26 वर्षीय रोहित ने हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के अपने हॉस्टल के कमरे में आत्महत्या कर ली थी। अगले दिन से मामला राजनीतिक हो गया। कैंपस समेत देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। इसके जरिए मोदी सरकार पर निशाना साधा जाने लगा।

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